शनिवार, 8 मई 2010

माँ- नवजीवन सृजन का आधार...


माँ ! यानि सृष्टी. किसी ने कहा है- "ईश्वर हर जगह मौजूद नहीं हो सकता ,इसलिए उसने माँ को बनाया." अखिल विश्व सिर्फ माँ से संचालित है. त्याग,उदारता , सहनशीलता और समर्पण सिर्फ माँ ही कर सकती है. सृष्टी में नवजीवन सृजन का आधार है- माँ.
आइये इस माँ दिवस पर हम प्रण ले कभी माँ का दिल नहीं दुखायेंगे.
किसी ने कहा है- "माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नही रोना....जहाँ बुनियाद हो इतनी नमीं अच्छी नहीं होती....".
(आज के शुभ दिन से प्रस्तुत है मेरा यह ब्लॉग जहाँ आप पाएंगे अपने जीवन के लिए नया और सिर्फ नया ....जो आपको भर देगी नव उर्जा, नव उमंग और नव शक्ति से .....).